आँखों ही आँखों में उनसे, खुलकर सब कह जाना होगा। आँखों ही आँखों में उनसे, खुलकर सब कह जाना होगा।
उसने ही जग को जीता है, कुछ कर जाने की ठानी है। उसने ही जग को जीता है, कुछ कर जाने की ठानी है।
कुछ कहना चाह रही है अगर ज़ुबाँ, तो खुलकर उसे अपनी बात कहने दो। कुछ कहना चाह रही है अगर ज़ुबाँ, तो खुलकर उसे अपनी बात कहने दो।
तुम्हारी वो छुअन मैं आज भी बिसरा नहीं पाया। तुम्हारी वो छुअन मैं आज भी बिसरा नहीं पाया।
बाढ़ हो या भावनाओं का प्रबल तूफान आए मुझको तो ढहना मना है। भँवर में बहना मना है। बाढ़ हो या भावनाओं का प्रबल तूफान आए मुझको तो ढहना मना है। भँवर में बहना ...
उल्फत है हमें कहने देना। उल्फत है हमें कहने देना।